Tuesday, 14 January 2020

दील नी दोलत में लुटावी आ जगतना चोकमा, ''फुलो वेराणा चोकमां''

दील नी दोलत में लुटावी आ जगतना चोकमा,
कदर कोईऐ ना करी, मुर्खो गणायो लोकमां.

पछी में संसार जोयो सत्यना दर्पण मदी,
स्वार्थ जोयो धणामां, मानवता जोई कोकमां.

संसार नो में सार शोधी लीधो छे तेथी ज हुं
जीवन जीव्यो ऐकसरखु हर्षमां के शोकमां.

पुष्पधन्वा स्पर्शतां हुं त्रिलोचन शंकर बनुं,
गंग धरु जटामा ने सर्प वींटुं डोकमां.

ना कोईनी निंदा करी के बुरु कोईनु ना कर्यु,
आटलो संतोष लईने जईश हु परलोकमां.

    
  ''फुलो वेराणा चोकमां''

{ भक्त कवि श्री त्रापजकर दादा }

संपादक :-राजुभाई भट्ट
         मो:-9824474306

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